कभी मुगलों के सराय नाम से प्रसिद्ध उत्तर-पूर्व रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन मुगलसराय जंक्शन की पहचान बदल चुकी है. अब इस स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया है. गृह विभाग से अनापत्ति मिलने के बाद राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार को नाम बदलने की अनुमति दे दी. जिसके बाद इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया. साथ ही, उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पंडित दीन दयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा.


हालांकि, स्टेशन का नाम बदलने को लेकर लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ का कहना था कि यह देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली रही है. लिहाजा इस स्टेशन का नाम उनके ही नाम पर रखा जाना चाहिए था. कुछ लोगों ने नाम बदले जाने को लेकर ख़ुशी भी जाहिर की है.

हालांकि मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने की कवायद योगी सरकार बनते ही शुरू हो गई थी. योगी कैबिनेट ने ही मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला किया था, लेकिन इस फैसले का कड़ा विरोध भी किया गया था. कुछ लोगों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखे जाने की मांग की थी.

उल्लेखनीय है वर्ष 1968 में आरएसएस-बीजेपी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का शव मुगलसराय स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पाया गया था, जिसके बाद से ही आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े अन्य संगठन दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ही मुगलसराय स्टेशन का नाम चाहते थे.
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