अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ कार्यालय में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी सांसद के वीसी को पत्र लिखने, उसके बाद कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी द्वारा भी इस तस्वीर का विरोध करने के बाद योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन महापुरुषों के योगदान इस राष्ट्र के निर्माण में रहा है, अगर उन पर कोई उंगली उठाता है तो ये घटिया बात है. देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का योगदान भी इस देश में था.

मौर्या ने साथ ही कहा कि इस तरह के बकवास बयान, चाहें उनके दल के सांसद-विधायक दें या दूसरे दलों के, उनकी लोकतंत्र में मान्यता नहीं है.


दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ कार्यालय में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर बखेड़ा खड़ा हो गया है. इस मामले में बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने एएमयू वीसी को पत्र लिखकर जिन्ना की तस्वीर के बारे में जानकारी मांगी है.

सांसद ने वीसी प्रो. तारिक मंसूर को पत्र लिखकर पूछा है-

किन कारणों से जिन्ना की तस्वीर किन-किन जगहों पर लगी हुई है. जिन्ना भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के मुख्य सूत्रधार थे और इस समय भी पाकिस्तान गैरजरूरी हरकतें कर रहा है. ऐसे में जिन्ना की तस्वीर एएमयू में लगाना कितना तार्किक है?

हालांकि, जिन्ना की तस्वीर यूनियन हॉल के ऊपरी हॉल में लगी हुई है. यहां करीब 30 से अधिक ऐसे लोगों की तस्वीर लगी हुई हैं. जिन्ना देश बंटवारे से पहले 1938 में एएमयू आए थे, तभी उन्हें यूनियन की सदस्यता दी गई थी. यूनियन ने सबसे पहले मानद सदस्यता गांधीजी को 1920 में दी थी.

छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद ने बताया कि जिन्ना को बंटवारे से पहले यूनियन की सदस्यता दी गई थी, उन्होंने कहा कि हम इतिहास को संजोकर रखते हैं. आरएसएस की तरह छेड़छाड़ नहीं करते. मशकूर ने बताया कि अब तक देश और विदेश के करीब 100 लोगों को छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता प्रदान की जा चुकी है. उन सभी की फोटो यूनियन हाल में लगी हुई है. इनमें जिन्ना साहब की फोटो भी है.

उधर जिन्ना की तस्वीर पर जारी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राशिद अल्वी ने भी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग कर डाली है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वीसी को अब तक तस्वीर हटा लेनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने जिन्ना की तस्वीर क्यों नहीं हटाई.

राशिद अल्वी ने कहा कि

जिन्ना फ्रीडम फाइटर नहीं थे, एक दिन जेल नहीं गए. पाकिस्तान बनाने के लिए वह जिम्मेदार हैं. लेकिन उनकी सबसे अधिक तारीफ आडवाणी ने की. आडवाणी ने जिन्ना को सेक्युलर बताया था.
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जसवंत सिंह ने किताब लिखी की वो महान नेता थे, इसका जवाब तो बीजेपी को देना चाहिए.
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