अमृतसर: विजयदशमी दशहरा पर्व पर ऐसा हादसा हो गया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है, खुशियों के त्यौहार पर पूरे देश में मातम छा गया, जौड़ा बाजार मानवरहित फाटक के नजदीक दशहरा पर्व में रावण दहन के वक़्त भारी संख्या में भीड़ जमा होने की वजह से काफी लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे हैं इसी दौरान पठानकोट की तरफ से तेज रफ्तार ट्रेन आ गई, रेलवे ट्रैक पर महिलाओं, बच्चों, युवाओ को रौंदती हुई चली गई, पटाखों की तेज आवाज के कारण हॉर्न सुनाई नही दिया, सब कुछ इतना अचानक हुआ कि किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला, 60 से ज्यादा मौत और 100 के करीब घायल हुए, काफी घायल गंभीर रूप से घायल है उन सभी के लिए देशभर में दुआँ हो रही है, देश में रेलवे के इतिहास में ऐसा भीषण हादसा कभी नहीं हुआ, हादसे के बाद बदहवास परिजन अपनो को कभी हॉस्पिटल कभी रेलवे ट्रैक पर पूरी रात खोजते रहे, दूर दूर तक जूते चप्पल व मानव शरीर के अंग दर्दनाक हादसे का दर्द बयां कर रहे थे, रेलवे के अधिकारी एनडीआरएफ की टीम के साथ राहत व बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर पहुंच बचाव कार्य शुरू कर दिया, पंजाब में राजकीय शोक घोषित किया गया, स्कूल कॉलेज बंद, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मृतको के परिजनों को पांच पांच लाख रुपये मुआवजा और घायलों को मुफ्त इलाज की घोषणा की है, केंद्र सरकार की तरफ से मृतको के परिजनों को दो-दो लाख रुपये, घायलों को पचास पचास हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की, दशहरा समिति, रेलवे प्रशासन, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा प्रबंध में चूक की, रेलवे ट्रैक के पास से लोगो को हटाने के लिए प्रशासनिक स्तर या दशहरा समिति की तरफ से इंतजाम होने चाहिए थे, सक्रिय सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ, संघठनो के कार्यकर्ताओं को ऐसे बड़े आयोजनों में सहयोग करने की जिम्मेदारी आयोजनकर्ताओ को सौंपनी चाहिए थी।


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