दिल्ली: उत्तराखंड और यूपी के पूर्व सीएम एनडी तिवारी का 92 साल की उम्र में निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस, बेटे रोहित शेखर तिवारी व पत्नी उज्वला तिवारी ने अंतिम दिनों में काफी सेवा की, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से छात्र संघ अध्यक्ष बनने के बाद पीछे मुड़कर न देखने वाले नारायण दत्त तिवारी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बहुत ताकतवर नेताओं में गिनती होती थी, उत्तर प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री बनने के साथ साथ उत्तराखंड के गठन के बाद उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री बने, देश के बड़े नेताओ ने पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।


नोएडा में कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष कृपाराम शर्मा ने बताया कि एनडी तिवारी जी का राजनीतिक कार्यकाल क़रीब पाँच दशक लंबा रहा,  नोएडा की स्थापना तिवारी जी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में हुई, आज जो नोएडा में चहुँमुखी विकास देखने को मिलता है उसकी नींव रखने का काम तिवारी जी ने ही किया था, 1986/1987 में राजीव गांधी सरकार में मंत्री भी रहे, तिवारी जी के नाम एक ऐसी उपलब्धि है जिसकी मिसाल भारतीय राजनीति में शायद ही मिले।

वो दो अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री रहे. तिवारी 1976-77, 1984-84 और 1988-89 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और साल 2002 से 2007 तक उत्तराखण्ड के तीसरे मुख्यमंत्री रहे, एनडी तिवारी देश के इकलौते ऐसे नेता है जो दो राज्यो के मुख्यमंत्री रहे, 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश में राज्यपाल भी रहे, 2014 में 89 साल की उम्र में उज्ज्वला तिवारी से लखनऊ में शादी की।

कहा जाता है कि अगर नारायण दत्त तिवारी ने 1991 में संसदीय चुनाव जीत लिया होता तो राजीव गाँधी की हत्या के बाद नरसिम्हा राव की जगह वो भारत के प्रधानमंत्री होते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वो सिर्फ़ 5000 वोटों से चुनाव हार गए. नरसिम्हा राव ने चुनाव तक नहीं लड़ा, तब भी वो भारत के प्रधानमंत्री बन गए।

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