भारतीय संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर का नाम बदले जाने से बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि जब महात्मा गांधी को मोहनदास करमचंद गांधी और नरेंद्र मोदी को नरेंद्र दामोदर दास मोदी के नाम से नहीं लिखा जाता तो बाबा साहब के नाम के साथ छेड़छाड़ क्यों की जा रही है.

दिखावा है भाजपा की नाम बदलने की राजनीति
बसपा सुप्रीमो को योगी सरकार की नाम बदलने की राजनीति बहुत ओछी लगी है. इसमें लिखा गया है कि बीजेपी व प्रधानमंत्री मोदी का दलितों के प्रति प्रेम केवल दिखावा है. इससे उन्हें सस्ती लोकप्रियता मिल जाती है जबकि देश में बाबा साहब के अनुयायियों को निशाना बनाया जा रहा है.

बदला जाएगा कागजों में बाबा साहेब का नाम


बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का नाम अब यूपी के सभी राजकीय अभिलेखों में डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा जाएगा. बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया.

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जीतेन्द्र कुमार ने बताया कि राज्यपाल राम नाईक ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि उनका नाम गलत लिखा जा रहा है. संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि बाबा साहेब ने अपना नाम डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा है. लिहाजा इसे सही किया जाए. इसे देखते हुए ही अभिलेखों में उनका पूरा नाम लिखने का निर्देश दिया गया है.

दरअसल पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल ने बाबा साहेब का नाम गलत लिखे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए जिस प्रकार से वह स्वयं लिखता हो. इस दृष्टि से भारत का संविधान की मूल हिन्दी प्रति के पृष्ठ 254 पर किए गए हस्ताक्षर (भीमराव रामजी आंबेडकर) के अनुसार, बाबा साहब का नाम डॉक्टर ‘भीमराव आंबेडकर’ लिखा जाना उचित होगा न कि डॉक्टर ‘भीम राव अम्बेडकर’. भीमराव एक शब्द है न कि अलग-अलग.
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours