यूपी के बड़ौत तहसील में किसान संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान मेें चल रहे पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे एक किसान की हार्ट अटैक से मौत के मामले में जिला प्रशासन ने मृतक किसान के परिजनों को 12 लाख रूपये के मुआवजे का चेक सौंपा. जिला प्रशासन ने मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और एक परिवार को सरकारी नौकरी की मांग की संस्तुति शासन को भेजने का आश्वासन दिया. वहीं विधुत विभाग द्वारा किसान पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे. जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म करने का एलान किया.

बता दें कि गन्ना किसान उदयवीर गन्ना बकाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानों के साथ 5 दिन से बड़ौत तहसील पर धरना दे रहे थे. इस दौरान उनके साथ धरने पर बैठे दो अन्य किसानों की भी हालत बिगड़ गई है. किसान की मौत पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है.

किसान उदयवीर की मौत की सूचना मिलते ही सबसे पहले आरएलडी के नेता जयंत चौधरी श्रद्धांजलि देने मौके पर पहुंचे. उन्होंने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'अब किसान इस सरकार को सबक सिखाएंगे'. जयंत चौधरी ने कहा कि इस आंदोलन को किसान संघर्ष समिति चला रही है, हमारा गठबंधन उनके साथ है, जब तक निर्णय नहीं होता, हम लोग यहां पर बैठे है. यह घटना बहुत दर्दनाक है. इस दौरान विधान परिषद सदस्य संजय लाठर ने घोषणा की कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बातचीत के बाद निर्णय लिया गया कि गठबंधन की ओर से मृतक किसान के परिवार को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे.
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