उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महिलाओं की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को अन्याय और शोषण बर्दाश्त करने के बजाय उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने यहां ‘उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार’ और ‘बेगम अख्तर पुरस्कार’ वितरण समारोह में कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं. महिलाओं को अन्याय और शोषण नहीं बर्दाश्त करना चाहिए, बल्कि उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.

उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा तथा उन्हें अन्याय एवं शोषण से बचाने के लिए हेल्पलाइन ‘181’ प्रारम्भ की गई है. इसके अलावा ‘1090’ सेवा पहले से ही संचालित है. प्रदेश सरकार पीएसी की महिला बटालियन का गठन करने जा रही है. साथ ही, महिलाओं में कुपोषण समाप्त करने के लिए ‘शबरी संकल्प योजना’, बालिकाओं की स्नातक तक निःशुल्क शिक्षा के लिए अहिल्याबाई योजना संचालित की जा रही है.

योगी ने कहा कि भारतीय समाज में मातृ शक्ति के प्रति सदैव एक विशिष्ट भाव रहा है. भौतिकता में वृद्धि के कारण भेद शुरू हुआ, जिसके दुष्परिणाम अब सामने हैं. उन्होंने कहा कि बालक-बालिका के साथ समान व्यवहार होने पर समाज में सकारात्मक बदलाव आयेगा. इसके लिए व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है.

इस मौके पर कुल 129 महिलाओं एवं बच्चों को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं एक-एक लाख रुपए की धनराशि प्रदान कर उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंडित धर्मनाथ मिश्र एवं उस्ताद सखावत हुसैन खां को वर्ष 2017-18 के बेगम अख्तर पुरस्कार के तहत अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र तथा पांच लाख रुपए की धनराशि प्रदान कर सम्मानित किया.
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