उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि प्रदेश में डॉक्टरों की काफी कमी है. इसके लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को प्रदेश सरकार के साथ मिलकर रणनीति बनाकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र की 70 प्रतिशत सेवाएं निजी क्षेत्र पर निर्भर हैं. निजी क्षेत्र के लोगों को भी चैरिटी के माध्यम से जनता की सेवा करनी चाहिए.
योगी ने गोरखपुर में आईएमए द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि राज्य सरकार एवं आईएमए समन्वय बनाए, तो आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का दायित्व है कि जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए. इसके लिए आईएमए सहित अन्य संस्थाओं व समाज के अन्य लोगों को भी जुड़ना होगा.
गौरतलब है कि पिछले साल यूपी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सदन में बताया था कि प्रदेश में 18,382 डॉक्टरों के पद सृजित हैं. इनमें से मात्र 11, 034 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं. प्रदेश में 7,348 डॉक्टरों के पद खाली चल रहे हैं. सूबे में डॉक्टरों की करीब 40 फीसदी कमी है.
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