समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि देश में भाजपा की सरकार बनने के बाद दलितों के प्रति अन्याय बड़े पैमाने पर बढ़ा है.

अखिलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश के इलाहाबाद और सिद्धार्थनगर में भीमराव रामजी आंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा 'जब से भाजपा सरकार देश में आई है, दलित समाज पर अन्याय बड़े पैमाने पर बढ़ा है. ये लोग (भाजपा) दलितों को डराना, धमकाना चाहते हैं'

'किसानों के खिलाफ है बीजेपी सरकार'
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में 27 किसानों ने कर्जमाफी के इंतजार में आत्महत्या कर ली लेकिन सरकार की तरफ से किसी भी परिवार को मदद नहीं मिली है. सरकार पूरा ध्यान इस बात पर लगी है कि राजनीतिक लोगों को कैसे परेशान किया जाए. उनके खिलाफ कैसे कार्रवाई हो, उन्हें अपमानित कैसे किया जाए.


राज्यपाल पर भी साधा निशाना
अखिलेश ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में आंबेडकर के नाम में संशोधन करने की राज्यपाल राम नाईक की राय नहीं मानने के बारे में कहा कि यह जरूरी नहीं है कि राज्यपाल का हर सुझाव माना जाए. हमने राज्यपाल के बहुत से सुझाव माने भी हैं लेकिन उन्होंने आज तक किसी बात का धन्यवाद नहीं दिया. राज्यपाल ने कहा था कि मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम एनेक्सी या सचिवालय नहीं होना चाहिए. इसके बाद ही हमने उस इमारत का नाम लोकभवन रखा था.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार अपने विरोधियों को केवल बदनाम और परेशान करना चाहती है. इसी के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को जल निगम की भर्तियों के मामले में जानबूझकर परेशान कर रही है. यह सरकार नौकरियां नहीं दे रही है, उल्टे जो दी गईं, उन पर भी सवाल उठा रही है.

सपा प्रमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कल गाजियाबाद में पूर्ववर्ती सपा सरकार द्वारा बनवायी गयी उस एलिवेटेड सड़क का दोबारा उद्घाटन किया, और अपने भाषण में हम पर परिवारवाद का आरोप भी लगा दिया. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उस सड़क में ‘यादव लेन‘ कौन सी है.

आठवले पर दिया बयान
सपा के साथ नजदीकी बढ़ा चुकी बसपा मुखिया मायावती को भाजपानीत राजग में शामिल होने का न्यौता देने वाले केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले के बयान के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा 'आठवले जी बहुत अच्छे मंत्री हैं. जब मैं सांसद था, तब सदन में उनसे ज्यादा मनोरंजन कोई और नहीं करता था.'

उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ दो चुनाव के लिए सपा और बसपा का गठबंधन हुआ था. इतने से ही भाजपा को परेशानी हो गयी. भाजपा ने पूरे देश में विभिन्न पार्टियों के साथ 45 गठबंधन किये हैं. अभी तो हमने दो ही किए हैं, जब हम 45 तक पहुंचेंगे तो भाजपा का क्या हाल होगा. विधान परिषद के आगामी चुनाव में भी सपा और बसपा के बीच तालमेल की सम्भावनाओं सम्बन्धी सवाल पर अखिलेश ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
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